आलस की बीमारी का संक्षिप्त विवरण|आलस की बीमारी|Hindi kahaniya
आलस की बीमारी : यह कहानी एक धनि व्यक्ति की है.. जो बहुत आलसी था..और इसके वजह से उसे क्या परिणाम भोगना पड़ा| [Hindi kahaniya]
एक बार की बात है एक गॉव में एक धनी व्यक्ति रहता था। उसके पास पैसे की कोई कमी नहीं थी लेकिन वह बहुत ज़्यादा आलसी था।
अपने सारे काम नौकरों से ही करता था और खुद सारे दिन सोता रहता या अययाशी करता था|
वह धीरे धीरे बिल्कुल निकम्मा हो गया था। उसे ऐसा लगता था जैसे
धनि आदमी :- मै सबका स्वामी हूँ क्यूंकी मेरे पास बहुत धन है। मैं तो कुछ भी खरीद सकता हूँ। यही सोचकर वह दिन रात सोता रहता था। [Hindi kahaniya]
लेकिन कहा जाता है की बुरी सोच का बुरा नतीज़ा होता है। बस यही उस व्यक्ति के साथ हुआ।
कुछ सालों बाद उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे उसका शरीर पहले से शिथिल होता जा रहा है उसे हाथ पैर हिलाने में भी तकलीफ़ होने लगी।
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यह देखकर वह व्यक्ति बहुत परेशान हुआ। उसके पास बहुत पैसा था उसने शहर से बड़े बड़े डॉक्टर को बुलाया और खूब पैसा खर्च किया लेकिन उसका शरीर ठीक नहीं हो पाया। वह बहुत दुखी रहने लगा। [Hindi kahani]
एक बार उस गॉव से एक साधु गुजर रहे थे, उन्होने उस व्यक्ति की बीमारी के बारे मे सुना।
सो उन्होनें सेठ के नौकर से कहा कि वह उसकी बीमारी का इलाज़ कर सकते हैं।
यह सुनकर नौकर सेठ के पास गया और साधु के बारे में सब कुछ बताया।
अब सेठ ने तुरंत साधु को अपने यहाँ बुलवाया लेकिन साधु ने कहा क़ि वह सेठ के पास नहीं आएँगे अगर सेठ को ठीक होना है तो वह स्वयं यहाँ चलकर आए। [Moral stories in hindi]
सेठ बहुत परेशान हो गया क्यूंकी वो असहाय था और चल फिर नहीं पता था।
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लेकिन जब साधु आने को तैयार नहीं हुए तो हिम्मत करके बड़ी मुश्किल से धनि आदमी , साधु से मिलने पहुचें।
पर साधु वहाँ थे ही नहीं, सेठ दुखी मन से वापिस आ गया अब तो रोजाना का यही नियम हो गया साधु रोज उसे बुलाते लेकिन जब सेठ आता तो कोई मिलता ही नहीं था।
ऐसे करते करते 3 महीने गुजर गए। अब सेठ को लगने लगा जैसे वह ठीक होता जा रहा है उसके हाथ पैर धीरे धीरे कम करने लगे है।
अब सेठ की समझ में सारी बात आ गयी की साधु रोज उससे क्यूँ नहीं मिलते थे। लगातार 3 महीने चलने से उसका शरीर काफ़ी ठीक हो गया था। [Hindi kahaniya]
तब साधु ने सेठ को बताया की बेटा जीवन में कितना भी धन कमा लो लेकिन स्वस्थ शरीर से बड़ा कोई धन नहीं होता।
तो मित्रों, हमें इस कहानी से यही सीख मिलती है
की पैसा कितना भी कमा लो लेकिन स्वस्थ शरीर से बढ़कर कोई पूंजी नहीं होती। पैसे कमाओ परन्तु अपने शरीर को भी स्वस्थ रखे।
Achhi kahani h 👍