झूठ बोलने का फल कहानी लेखन in Hindi कहानी की शुरुआत
एक बार उसने सोचा कि मैं आज स्कूल नहीं जाऊँगा। जब स्कूल का टाइम हुआ तो उसकी माँ ने पूछा “राजू तुम स्कूल के लिए अभी तक तैयार क्यों नहीं हुए हो। चलो जल्दी से तैयार हो जाओ।”
राजू की माँ समझ गई कि राजू झूठ बोल रहा है। माँ ने कहा “राजू झूठ बोलना बहुत बुरी बात है।” राजू बोला “माँ में झूठ नहीं बोल रहा हूँ सचमुच मेरे पेट में दर्द हो रहा है।” माँ चुप हो गयी। और राजू ने स्कूल की छुट्टी कर ली।
झूठ बोल के खुद का ही नुकसान करवा लिया | झूठ बोलने का फल कहानी लेखन in Hindi
राजू के सामने ही पापा ने सबको मिठाई और चॉकलेट बाँट दी। सब मिठाई खाने लगे। सबको मिठाई खाते हुए देख कर राजू का भी मन कर रहा था कि मैं भी सब खा लूं।
सीख : कभी भी हमें किसी से झूठ नहीं बोलना चाहिए उससे हम अपना ही नुकसान कर लेते है।
FAQ
इंसान झूठ क्यों बोलता है?
बहुत बार इंसान ऐसे जगह फस जाता है जहाँ अगर वो सच बोलेगा तो उसकी life में और problems आ जाएगी इसलिए वह tension से बचने के लिए झूठ बोल देता है पर जो इंसान बात बात पे बिना किसी खास कारण के झूठ बोलता है वह सबसे खतरनाक है।
बार बार लगातार झूठ बोलने का क्या परिणाम होता है?
हमे कभी भी बार बार लगातार छोटी छोटी बातों पर झूठ नही बोलना चाहिए क्यों कि फिर आपके आस पास के लोग आप पर भरोसा करना चोर देंगे। इसलिए अगर कोई मजबूरी हो तभी झूठ बोले नही तो सच बता दे।
झूठ बोलना कब जायज़ है?
जिस झूठ से किसी का परिवार का भला हो या समाज का भला हो वह झूठ जायज़ है।
सच और झूठ में क्या अंतर होता है?
सच पहले से ही होता है उसे बनना नही पड़ता पर झूठ को बनना बहुत मुश्किल है क्यों कि आप सच की ही नकल बना रहे हो ।
झूठ कब सच लगने लगता है?
सच हमेसा सच ही होता है और झूठ हमेसा झूठ ……. जब जानकारी गलत मिले या फिर इंसान में ही समझ कम हो तब उस इंसान को झूठ भी सच लगने लगता है।
झूठ बोलने वाले को कैसे पहचाने?
आप किसी का भी झूठ lie डिटेक्टर टेस्ट या फिर narco टेस्ट से पता कर सकते है जिसे police भी इस्तमाल करती है।
बेटा झूठ बोलोगे तो दुख झेलोगे! |झूठ बोलने का फल कहानी लेखन in Hindiकी कहानी पसंद आई होगी। और रोमांचिक कहानियां है निचे पढ़े।
अगर आप यह पढ़ रहे हैं तो यहां तक आने के लिये धन्यवाद मुझे आशा है की आपको