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क्या है कौरवों की जन्म गाथा? कैसे हूई कौरवों की जन्म?
गांधारी कौन थी?
गांधारी गंधार के राजा सुबल की पुत्री थी। गंधार नरेश ने अपनी पुत्री गांधारी का विवाह हस्तिनापुर के महाराजा धृतराष्ट्र से कराया था। जब गांधारी को पता चला की उसके होने वाले पति बचपन से ही नेत्रहीन है।
गांधारी को 100 पुत्रो का वरदान कैसे मिला ?
गांधारी विवाह के बाद हस्तिनापुर आ गई। जैसा की गांधारी को धार्मिक कामो मे बहुत रुचि थी। वह बहुत मन से ऋषि और साधुओ का आदर सत्कार करती थी।
एक दिन की बात है। महर्षि वेद व्यास हस्तिनापुर आये। गांधारी ने उनकी बहुत सेवा की उनका आदर सम्मान किया।
महर्षि गांधारी की सेवा से बहुत प्रसन्न हुए। और उन्होने गांधारी को कहा मै तुम्हारी सेवा से बहुत प्रसन्न हूं पुत्री। तुम मुझसे एक वरदान मांगो। गांधारी ने महर्षि के कहने पर अपने पति जैसे 100 ताकतवर पुत्र की कामना की। महर्षि वेद व्यास से गांधारी को 100 पुत्रो का वरदान मिला।
100 कौरवों का जन्म कैसे हुआ? Hindi kahaniya
जब गांधारी समय आने पर गर्ववती हूई। 2 वर्ष बीत गये थे गांधारी को गर्व धरण किये हुए। फिर भी बच्चो का जन्म नही हुआ। इस बात से गांधारी बहुत चिंतित थी।
महर्षि ने गांधारी को 100 कुंडो मे घी भर कर रखने को कहा। गांधारी ने वैसा ही किया। फिर महर्षि ने उस मांस की पिंड पर गांधारी को पानी छिडकने को कहा गांधारी के पानी छिड़कते ही वह 100 मांस की टुकड़ो मे बट गया।
दो साल बाद उन कुंडो मे से सबसे पहले दुर्योधन निकला। उसके बाद सभी 99 और निकले । इस प्रकार जन्म हुआ 100 कौरवों का। माना जाता है की दुर्योधन के जन्म होने पर ऋषि मुनियों ने भविष्यवाणी की थी की दुर्योधन कुल के विनाशक होंगे। [Hindi kahaniya]
आगे चल कर दुर्योधन ही महाभारत का कारन बना। जिसे कौरवों का विनाश हुआ। साथ ही कौरव कुल का भी अंत हो गया।
गांधारी का वरदान दुर्योधन को
गांधारी के पास अपने किसी एक पुत्र को जीवित बचाने की शक्ति थी। गांधारी ने दुर्योधन को बचाने का निर्णय किया।
दुनिया ने उसे बदसूरत बतख समझा पर वो लोगो के सोच से परे था। आइए देखे कैसे ।
गान्धारी ने कृष्ण को क्या श्राप दिया?
गांधारी अपने 100 पुत्रो की मृत्यु के बाद बहुत विलाप कर रही थी। वह बहुत दुखी थी। उसने युध्द ना रोकने का जिम्मेदार कृष्ण को ठहराया। जिसके कारन उसके 100 पुत्र मारे गये। जिसे कौरवों का वंश खत्म हो गया। गान्धारी ने कृष्ण को श्राप दिया की जिस प्रकार कौरवों के वंश का अंत हुआ । उसी प्रकार यादवों के वंस का भी अंत हो जायेगा। [Hindi kahaniya]
कुछ सालो बाद ऐसा ही हुआ और यादवों का वंस भी खत्म हो गया।
धन्यवाद।
जब सवाल हिंदी में है तो जवाब भी हिंदी में ही लिखते …… इंग्लिश सबको सुविधाजनक नहीं होती….
Achhi kahani h 👍👌 super